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Showing posts from November, 2018

सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार की करतारपुर गलियारा बनाने की पहल पर उठाया सवाल

केंद्र की मोदी सरकार की पहल पर सोमवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करतारपुर साहिब गलियारे की नींव रखी. लेकिन बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी मे सरकार की इस पहल पर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्वामी का मानना है कि करतारपुर गलियारा एक खतरनाक कदम है जिसका पाकिस्तान द्वारा गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'करतारपुर गलियारा एक खतरनाक कदम है, जिसका गलत इस्तेमाल हो सकता है, क्योंकि वहां चेकिंग की सही व्यवस्था नहीं, महज पासपोर्ट दिखाना काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी को भी 250 रुपये में चांदनी चौक से पासपोर्ट मिल सकता है. स्वामी ने सलाह दी कि लोगों को 6 महीने पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए और हमें पाकिस्तान के लोगों यहां आने की इजाजत नहीं देनी चाहिए.' गौरतलब है कि सोमवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब सड़क गलियारे की आधारशिला रखी. यह सड़क गुरदासपुर जिले के मान गांव से पाकिस्तान से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा तक जाएगी. इस मौके पर केंद्रीय परिवहन मंत

महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त गांवों में कैसे हैं हालात?

''मुझे किसी दूसरी जगह जाना होगा. शायद नारायणगांव या कोई और जगह. लेकिन अब जीवन चलाने के लिए यह अपना गांव तो छोड़ना ही होगा.'' सूखे से परेशान बहिनाबई ताप्से अपने गांव को छोड़ने के बारे में सोचने लगी हैं. 65 साल की बहिनाबई हिंगोली ज़िले के सातम्बा गांव की निवासी हैं. सातम्बा गांव में अधिकतर परिवार किसान हैं और ये एक मौसम में दो बार बीज बोने की प्रक्रिया पूरी करते हैं. अगर आप अक्तूबर महीने में किसी गांव में जाएंगे तो शायद ही कोई आदमी घर पर मिले . दरअसल, इस मौसम में अधिकतर लोग अपने खेतों में होते हैं . लेकिन सातम्बा गांव का नज़ारा इसके उलट है. यहां के ज़्यादातर लोग अपने-अपने घरों पर ही मौजूद थे. अपने घर के दालान पर बैठे ये ग्रामीण सूखे के बिगड़ते हालात से परेशान थे. गांव के मुख्य चौक पर पहुंचकर हमने वहां कुछ लोगों से बात की. बहिनाबई ने हमसे कहा , ''अगर आप सूखे की असली तस्वीर देखना चाहते हैं तो मेरे खेत में चलकर देखिए. मैं दिखाऊंगी असली सूखा क्या होता है.'' हम बहिनाबई के साथ उनके खेत की तरफ जाने लगे. रास्ते में हम खेतीबाड़ी के बारे में बातें कर